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7 इंडियन आर्मी टेक ; इसके बारें में जानना बहुत जरूरी है !Know About the 7 Indian Army Tech – It’s Important!

इंडियन आर्मी

7 इंडियन आर्मी टेक ; इसके बारें में जानना बहुत जरूरी है !

7 इंडियन आर्मी टेक

 

7 इंडियन आर्मी टेक ; इसके बारें में जानना बहुत जरूरी है । इंडियन आर्मी AI की मदद से फ्यूचर प्रिडीक्ट करना  जानती है , इंडिया के पास साउन्ड से भी फास्ट चलने वाली राकेट स है ,जो पूरे इंडिया का चक्कर मार्के आ सकता है । इंडिया 6g  को इस्तेमाल में लेती है ।

इंडिया के पास लेजर वाले आर्म्स है ,जो लेजर मार्के एनवीस को डिस्ट्रॉइ कर सकते है । इंडियन आर्मी खुद के आइरन मेन टाइप फूटस बना रही है । क्या आप लोगों पता था की इंडियन आर्मी ने सबसे बड़ा सिविल्यन रेस्क्यू मिशन करा था , जहां पर 2013 में उत्तरा खंड floods के अंदर 19,600 लोगों को एर्लिफ्ट करा गया था । इंडियन आर्मी के 10500 लोगों बचाया गया था। 

इंडियन आर्मी सबसे दुनिया की सबसे बड़ी volunteer आर्मी है। volunteer आर्मी का मतलब बाकी दूसरी कन्ट्री में आर्मी में जबरदस्ती घुसाया जाता है ,लेकिन इंडियन आर्मी में लोग खूद अपने मर्जी से जाते है। BAILEY BRIDGE जो लद्दाख के अंदर है , वो दुनिया का वन ऑफ ड  highest ब्रिज है , जो की इंडियन आर्मी ने 1982 में बनाया था । ये ब्रिज 5,602  मीटर ऊंचा सी लेवेल्स से है , और ये 98 फुट लॉंग है।

इंडियन आर्मी

दुनिया का सबसे बड़ा बैटल फील्ड  SIACHEN GLACIER वो इंडियन आर्मी कंट्रोल करती है , जो की 18,875 ft ऊंचाई पर है । इंडिया हर महिना 2 मिलियन डॉलर ( करीब 16,77,94,000 रुपये ) खर्च is GLACIER को संभालने के लिए करती है । इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा आर्म्स मतलब जो की वेपन होते है उसका इम्पोर्टर है ,तभी इंडिया ने आज तक किसी भी कन्ट्री पे खुद से atteck नहीं किया।

2024 इंडिया के लिए टेक अडाप्शन का ईयर होने वाला है , जो की नए टेक्नॉलजी को इस्तेमाल में लेना है इसके बारे में चर्चा होने वाली है । जो की AI को को कैसे इस्तेमाल में ले सकती है। इंडियन आर्मी आप लोगों को ना पता हो , 5g नहीं 6g का इस्तेमाल करती है । इंडियन आर्मी को नेक्स्ट लेवल डेटा की जरूरत होती है क्यूंकी सरवी लेंस करने के लिए मतलब निगरानी रखने के लिए चारों तरफ नजर रखने के लिए जरूरत होती है ।

उनके पास  मिलिटरी ग्रैड 5G और 6G है , आर्मी के पास एसे – एसे एप है जो decieson लेने में हेल्प करता है । इंडिया में कही पर पहाड़ है तो कहीं पर जंगल इस सारे एरियास के अंदर UAV हेल्प करता है । UAV ( UNMANNED AERIAL VEHICLE ) मतलब इसमे कोई मिलिटरी मेन  नहीं होता ये औटोमेटिक काम करता इसको आर्मी रेस्क्यू करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है , कहीं पर अगर attek हो रहा रहता है तो ये UAV ट्रैक करता रहता है जिसमें कोई भी इंसान को बैटके चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है ।

आप लोगों ने सुना ही होगा साइबर क्राइम हर जगह बड़ता जा रहा है , किसी भी देश के हेकर्स किसी भी देश के सेक्युरिटी कोड है या डेटा को हेक करके निकालने की कौशिश करती है । अभी इंडिया साइबर सेक्युरिटी में काफी ज्यादा स्ट्रॉंग है । साइबर  सेक्युरिटी में बैसिक्ली होता ये है की दूसरे देश के डेटा को निकालके उसको इस्तेमाल करना होता है । इंडिया कैपेबल अगर atteck होता है तो , वो सामने वाले को भी डिसैबल कर सकता है ।

इस टाइम पे सबसे बड़ा वेपन DATA है । कहीं का डेटा इदर से उदर होता है तो सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है । इंडिया उन कुछ कन्ट्री में से एक है जो FIGHTER AIRCRAFT , NUCLEAR SUBMARINE , SURFACE TO AIR MISSILE , मेन बैटल टैंक सारे खुद बना सकता है । उसके बाद भी इंडिया का जो डिफेन्स बजट में से 50% इम्पोर्ट कराने में जाता है ,USA और RUSSIA से भी वेपन खरीदते है । लेकिन 2020 में ‘ मैक इन इंडिया ‘ के अंदर काफी सारे चेंजेस आए है ।

इंडिया के वेंडर्स ही आर्म्स  ( वेपन ) को क्रीऐट कर रहे है । HYPERSONIC WEAPONS इंडिया खुद बना सकता है , मतलब जो साउन्ड से भी 5 गुना ज्यादा तेज चल पाए । जो की Mach 5 बोला जाता है , 6,174 kmph स्पीड से ये वेपन काम करते है । ये वेपन इतनी स्पीड है की ये एक घंटे के अंदर कश्मीर से कन्याकुमारी से वापिस कश्मीर आके जा सकता है।

इंडिया का जो BRAMHOS मिसाइल Mach 8 पे चलती है । ये 9,800 km/h स्पीड से ट्रैवल करता है । exmp: जितनी देर में उड़के गायब हो रही रहेगी। इसका रेंज कम से कम 1,500 km ( 930 M )  है। अगर कहीं पर भी अटेक होता है तो इसको डिप्लॉय किया जा सकता है । कुछ ही समय के अंदर ये अपनी टारगेट पास पहुच जाती है ।

इंडिया डिफेन्स के अंदर जितना भी रिसर्च या devlopment होता है ये सारे गेजेट्स DRDO ( डिफेन्स रिसर्च एण्ड डेवलोपमेंट ) बनाता है । एक 3D – CAR मतलब ( Central Acquisition Radar ) ये ट्रक इतना ट्रैकर टाइप लगता है , जो रेडार से ट्रेक करता है जो 150 टारगेट एक बार में ही मार्क करके बता देता है ।

एक 3G Underwater Acoustic Communication System ( 3G-UWACS )  ये  पानी के अंदर चलने वाला communication सिस्टम है । पानी के अंदर रहकर पानी से बाहार communication किया जा सकता है । अगर पानी में दूर सबमरीन डिटेक्ट करके वार शिप को बता सकता है ।

एक है , Short Span Bridging System ये बहुत ही ज्यादा एक अच्छा वेपन है । ये एक सिंगल ट्रक है जो एक ब्रिज बना सकता है । काफी ज्यादा एरियास के अंदर आर्मी लोगों को जाना पड़ता है जहां नदियाँ एसे सारे जगह के अंदर ये ट्रक bridges बना सकता है। ये ब्रिज को assemble एण्ड disassamble किया जा सकता है ।

ABHYAS ये फुल्ली अटोमेटिक प्रेक्टिस के लिए बनाया गया है । इसमे वेपन टारगेट टेस्ट करने के लिए बनाया गया है। इसको लौंचर्स से भी लॉन्च किया जा सकता है।

अभी इतने सारे चीजों के साथ काफी सारी दिक्कते भी आती है । कई बार नहीं टेक्नॉलजी स्मार्टफोन नए नए निकले है वैसे ही टेक्नॉलजी जो वार में ऊस होती है , वो भी काफी ज्यादा महंगी  होती रहती है । नई टेक्नॉलजी इसलिए इस्तेमाल में लेती हैं क्यूंकी नई टेक्नॉलजी इस्तेमाल में लेंगे तो बाकी दूसरे देश से आगे रह पाएंगे ।

इंडिया के आर्मी में काफी ज्यादा AI का इस्तेमाल करना शुरू हो गया है ।  IBMS ( Integrated Battlefield Management System क्रीऐट करा गया है । अलग अलग चीजें जैसे की सेटल लाइट ,ड्रोन के सेन्सर  का data लेकर बैटल फील्ड में कहाँ कौंसि एनिमी है एसे कही  छीजे बताता है ।

NETRA करके एक AI – Facial Recognition System ये एनीमिस को डुंड सकता है या ट्रेक कर सकता है। vehicle को भी ट्रेक कर सकता है ।

ये सारी टेक्नॉलजी को इंडीयन आर्मी इस्तेमाल में लेती है, अगर आप लोगों को विडिओ के माध्यम से देखना हैं तो नीचे विडिओ पे क्लिक करके देख सकते हो ।

credit:techburner

 

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One thought on “7 इंडियन आर्मी टेक ; इसके बारें में जानना बहुत जरूरी है !Know About the 7 Indian Army Tech – It’s Important!”
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