“सितंबर 2025: भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव, गठबंधन की नई चालें और भविष्य की चुनौतियाँ”
नई दिल्ली, सितंबर 2025 – भारतीय राजनीति इस समय बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद से ही केंद्र और राज्यों में सत्ता समीकरण लगातार बदलते नज़र आ रहे हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में आर्थिक सुधारों और रोज़गार सृजन के लिए नए पैकेज का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि 2025 से 2030 तक का समय “भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति” बनाने का होगा। दूसरी ओर, विपक्ष ने इसे सिर्फ़ “चुनावी जुमला” करार देते हुए कहा है कि ज़मीनी स्तर पर जनता की तकलीफ़ें कम नहीं हुई हैं।
गठबंधन राजनीति का नया अध्याय
राज्यों में गठबंधन की राजनीति तेज़ हो चुकी है। महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय दलों ने फिर से अपनी ताक़त दिखानी शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले चुनावों में गठबंधन राजनीति ही सबसे बड़ा फैक्टर बनेगी।
युवा और सोशल मीडिया का दबदबा
2025 की राजनीति में युवाओं और सोशल मीडिया की भूमिका निर्णायक हो चुकी है। राजनीतिक दल अब पारंपरिक रैलियों से ज़्यादा डिजिटल कैंपेन और ऑनलाइन प्रचार पर ज़ोर दे रहे हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ
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महंगाई और बेरोज़गारी पर नियंत्रण
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विपक्ष का एकजुट होना
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वैश्विक स्तर पर भारत की छवि बनाए रखना
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सरकार अपने वादों को पूरा करने में कामयाब रही तो 2030 तक भारत विश्व की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है। लेकिन अगर हालात बिगड़े, तो सत्ता परिवर्तन की लहर तेज़ हो सकती है।